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Raat Ka Choghadiya आज रात का चौघड़िया शुभ मुहूर्त ऐसे पहचाने

रात का चौघड़िया समय सूर्य अस्त से शुरू होकर अगले दिन सूर्य उदय होने तक रहता है। रात्रि में भी 8 पहर के शुभ-अशुभ चौघड़िया मुहूर्त देख सकते हैं। रात्रि के समय किसी शुभ कार्य का अनुष्ठान करने से पूर्व चौघड़िया मुहूर्त का विचार लाभप्रद साबित होता है। रात्रि में 12 घंटे के समय अंतराल में प्रत्येक चौघड़िया 1:30 के लगभग होता है। इसका समय भी सूर्य अस्त होने के समय से शुरू होकर सूर्य उदय होने के समय के अनुरूप निश्चित है। दिन और रात्रि में वार अनुसार गृह स्वामी के प्रभाव से चौघड़िया मुहूर्त अच्छे और बुरे समय की पहचान करते हैं। दिन का चौघड़िया देखने की जो प्रक्रिया है इस प्रक्रिया को रात का चौघड़िया (Raat Ka Choghadiya) देखने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

इस लेख में आप जानेंगे की रात के शुभ चौघड़िया कौन से हैं रात्रि का चौघड़िया मुहूर्त कैसे देख सकते हैं? रात्रि में भी साथ चौघड़िया अपने समय अंतराल के दौरान शुभ-अशुभ समयको प्रदर्शित करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार अमृत, लाभ, शुभ, चंचल, उद्वेग, रोग और काल के रूप में चौघड़िया मुहूर्त देखे जाते हैं।

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रात के शुभ चौघड़िया मुहूर्त | Raat Ka Choghadiya

साप्ताहिक वार के अनुसार प्रत्येक साथ ग्रहण स्वामी अपने समय को परिवर्तित करते रहते हैं। इसे प्रदर्शित करने के लिए इन्हें साथ चौघड़िया मुहूर्त के रूप में नामांकन किया गया है जैसे:-

  • रविवार प्रथम चौघड़िया शुभ आता है।
  • सोमवार को चर चौघड़िया प्रथम चौघड़िया में आता है।
  • मंगलवार को काल चौघड़िया प्रथम स्थान पर रहता है।
  • बुधवार को उद्वेग चौघड़िया प्रथम स्थान पर रहता है।
  • गुरुवार को प्रथम अमृत चौघड़िया लाभप्रद है।
  • शुक्रवार को प्रथम चौघड़िया रोग के रूप में प्रदर्शित है। 
  • शनिवार को सूर्यास्त के प्रथम चौघड़िया लाभ के रूप में प्रदर्शित है।

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रात्रि चौघड़िया की समय अवधि

जैसा कि आप जानते हैं, दिन और रात का समय बराबर है। यदि सूर्य उदय होने का समय निश्चित है। तो सूर्य अस्त होने का समय भी ऋतु बदलाव के अनुसार निश्चित होता है। इसी समय अवधि के अनुसार ग्रह अपने समय को प्रदर्शित करते हैं। ग्रह के समय को हिंदू पंचांग में चौघड़िया मुहूर्त कहा जाता है। सायकल काल 6:00 बजे सूर्य अस्त होने के साथ ही रात का चौघड़िया प्रारंभ हो जाते हैं। अगले दिन 6:00 बजे सूर्य उदय के साथ ही रात्रि के चौघड़िया मुहूर्त समाप्त हो जाते हैं। तथा दिन के चौघड़िया मुहूर्त शुरू हो जाते हैं। दिन और रात्रि दोनों चौघड़िया मुहूर्त का समय लगभग डेढ़ घंटा का होता है। इस समय को सूर्यास्त होने और उदय होने के समय के अनुसार देखना चाहिए।

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रात का चौघड़िया मुहूर्त कैसे देखें | Raat Ka Choghadiya

रात्रि का चौघड़िया देखना बहुत ही आसान है। इसे देखने से पहले सूर्य अस्त का समय और उदय होने का समय का आकलन कर लेना चाहिए। प्रत्येक चौघड़िया 90 मिनट का समय देता है। नीचे दी गई समय सारणी में इस 90 मिनट यानी कि प्रत्येक 1:30 में साप्ताहिक वार के अनुसार चौघड़िया समय परिवर्तित होता है। एक चौघड़िया कि समय अवधि पूर्ण होने के बाद दूसरे चौघड़िया मुहूर्त की समय अवधि शुरू हो जाती है।

Raat Ka Choghdiya
  • पहला उदाहरण देखें:- यदि आप सोमवार रात्रि 10:00 बजे किसी शुभ कार्य का विचार करते हैं। तो आपको चौघड़िया मुहूर्त देखने के लिए इस विधि का प्रयोग करना चाहिए। सबसे पहले आप चौघड़िया सारणी को देखें। चौघड़िया सारणी में रात्रि 10:00 बजे काल चौघड़िया का समय चल रहा होता है। इस समय आप कोई शुभ कार्य नहीं कर सकते। इस चौघड़िया की समय अवधि है 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक। 10:30 बजे से 12:00 बजे तक लाभ का चौघड़िया है। इसलिए आप इस समय को शुभ कार्य के लिए प्रयोग में ला सकते हैं।
  • दूसरा उदाहरण देखें:- आप मान लीजिए आप बुधवार रात्रि चौघड़िया मुहूर्त देखना चाहते हैं। तो बुध ग्रह के समय अनुसार प्रथम चौघड़िया उद्वेग से शुरू होता है। इसके बाद शुभ, अमृत, चंचल, रोग काल, लाभ तथा उद्वेग इन्हें आठ चौघड़िया में बुधवार रात्रि व्यतीत हो जाती है। आप बुधवार रात्रि को 7:30 बजे से लेकर 10:30 बजे तक कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं।

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चौघड़िया मुहूर्त का प्राचीन महत्व  

इस प्रकार, चौघड़िया मुहूर्त का महत्व भारतीय समाज में गहराई से स्वीकारा गया है और लोग इसे अपने जीवन में अहम भूमिका देते हैं ताकि वे सफलता और समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो सकें।

रात का चौघड़िया भी चौघड़िया मुहूर्त का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कि रात्रि के विभिन्न समय बंटा जाता है और उसके अनुसार कार्यों का अनुसरण किया जाता है। रात का चौघड़िया भी व्यापारिक, धार्मिक और व्यक्तिगत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं:

  1. व्यापारिक उपयोग: व्यवसायिक कार्यों में रात के चौघड़िया का महत्व इसलिए होता है क्योंकि इसके अनुसार व्यापारिक निर्णय लिए जा सकते हैं। उचित समय पर व्यापार के कार्यों को शुरू करने से सफलता की संभावना बढ़ती है।
  2. धार्मिक कार्यों में उपयोग: धार्मिक कार्यों में भी रात के चौघड़िया का महत्व होता है। धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, व्रत आदि को इसके अनुसार निर्धारित किया जा सकता है जो कि आध्यात्मिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।
  3. व्यक्तिगत उपयोग: व्यक्तिगत जीवन में भी रात के चौघड़िया का महत्व है। यह उपयोगी होता है जब लोग अपने निजी कार्यों जैसे कि सफाई, उपचार, यात्रा, आदि को नियमित रूप से करने के लिए सही समय चुनते हैं।

रात के चौघड़िया का अनुसरण करके लोग अपने कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने की कोशिश करते हैं और अपने जीवन में समृद्धि और खुशियों की प्राप्ति के लिए उचित मार्ग चुनते हैं।

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