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Aaj ka Choghadiya 2024: आज का चौघड़िया शुभ- अशुभ मुहूर्त देखने की प्रक्रिया जाने

Aaj ka Choghadiya:- सनातन धर्म में जब भी किसी शुभ कार्य को शुरू करने का निश्चय किया जाता है। तब कार्य प्रारंभ करने से पूर्व शुभ तथा अशुभ मुहूर्त का अवश्य विचार किया जाता है। कुछ ऐसे कार्य जिन्हें शुरू करने के लिए विद्वान पंडितो या मुहूर्त विशेषज्ञों से वार्तालाप करना इतना आवश्यक नहीं होता। तब कार्य को शुरू करने के लिए व्यक्ति अपने स्तर पर दिन चौघड़िया मुहूर्त देख करके भी उसे कार्य का शुभारंभ कर सकते हैं। दिन और रात में 16 चौघड़िया मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं। दिन के 8 चौघड़िया मुहूर्त और रात्रि के भी 8 चौघड़िया मुहूर्त निश्चित है। इन्हें सोमवार से लेकर रविवार साप्ताहिक तैयार किया गया है। Chaughadiya Muhurat सवेरे सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक दिन का चौघड़िया होता है। सूर्य अस्त से लेकर रात्रि के बाद सूर्य उदय होने तक रात के चौघड़िया निर्धारित किए गए हैं।

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चौघड़िया मुहूर्त क्या है? Aaj ka Choghadiya Muhurat

प्रत्येक अहोरात्र में 16 चौघड़िया मुहूर्त आते हैं। जिसमें शुभ अशुभ मुहूर्त सम्मिलित है। प्रत्येक चौघड़िया का समय लगभग डेढ़ घंटा निर्धारित है। दिन में आठ पहर और 12 घंटे का चौघड़िया मुहूर्त होता है। चौघड़िया मुहूर्त की शुरुआत सुबह सूर्य उदय से शुरू होती है। जिसे दिन का चौघड़िया कहा जाता है। रात्रि का चौघड़िया सूर्य अस्त से लेकर12 घंटे रात्रि व्यतीत होने के बाद सूर्य उदय होने तक रात का चौघड़िया कहा जाता है। सात प्रकार के चौघड़िया होते हैं जिन्हें शुभ, लाभ, अमृत, चंचल, उद्वेग, रोग और काल का नाम दिया गया है। जो गृह स्वामी व समय अवधि के अनुसार साप्ताहिक रूप से शुभ-अशुभ समय से अवगत करवाते हैं। 

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शुभ चौघड़िया कौनसे हैं?

सात प्रकार के चौघड़िया होते हैं जिसमें अमृत, शुभ, लाभ,चंचल (चर),और उद्वेग को समय अनुसार शुभ चौघड़िया माना जाता है। 

  • अमृत चौघड़िया:- किसी भी कार्य को “अमृत” चौघड़िया में यदि शुरू किया जाता है तो ऐसा माना जाता है कि वह कार्य शुभ फल दायक होता है। अमृत चौघड़िया के स्वामी चंद्र को माना जाता है। प्रत्येक वार में जिस समय अमृत चौकड़िया रहता है वह समय देव तुल्य होता है।
  • शुभ चौघड़िया:- बृहस्पति को “शुभ” चौघड़िया का स्वामी बताया गया है। जो भी कार्य इस चौघड़िया के अंतर्गत किया जाता है वह श्रेष्ठ फलप्रद होता है। इसी के साथ जातक को अपने कार्य को श्रद्धा और भावना के साथ करने पर श्रेष्ठ फलों की प्राप्ति होती है।
  • लाभ चौघड़िया:- कार्य शुरू करने से पूर्व यह उद्देश्य रहता है कि कार्य सफल होने के साथ-साथ लाभप्रद हो इसके लिए लाभ चौघड़िया का उपयोग करना चाहिए बुध ग्रह को लाभ चौघड़िया के रूप में श्रेष्ठ फलों का कारक बताया गया है।
  • चंचल (चर) चौघड़िया:- शुक्र ग्रह जातक के लिए अलग-अलग स्थिति व प्रस्तुति में श्रेष्ठ फलों का कारक होता है। इसीलिए चंचल (चर) चौघड़िया को भी कार्य सिद्धि के लिए शुभ माना जाता है। इस समय का विचार और मुहूर्त देखकर यात्रा शुभ और मंगलमय होती है।
  • उद्वेग चौघड़िया:- वैसे तो शुभ कार्य करने से पहले उद्वेग चौघड़िया पर विचार नहीं किया जाता। परंतु बड़े स्तर पर किए गए कार्य इस समय में किया जा सकते हैं। सूर्य ग्रह को उद्वेग चौघड़िया का स्वामी बताया गया है। इसलिए रविवार सूर्य उदय होने पर उद्योग चौघड़िया प्रथम चौघड़िया ही रहता है।

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अशुभ चौघड़िया कौनसे है।

शुभ और अशुभ चौघड़िया श्रेणी में सात में से तीन चौघड़िया ऐसे हैं जिन्हें शुभ कार्य करने से पूर्व त्याग देना ही श्रेष्ठ होता है। रोग, काल और उद्वेग चौघड़िया को शुभ कार्य करने से पूर्व ध्यान में रखते हुए शुभ समय का इंतजार करना चाहिए। तीन प्रकार के अशुभ चौघड़िया प्रत्येक वार अपने समय अवधि पर जातक के लिए बाधा कारक हो सकते हैं।

  • रोग चौघड़िया:- मंगल ग्रह को जातक के लिए शुभ कार्य शुरू करने से पूर्व अनिष्ट कारी बताया गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह चौघड़िया प्रत्येक कार्य के लिए अशुभ है। इस चौघड़िया में शुरू किया गया युद्ध शत्रु को हराने के लिए बनाई गई रणनीति लाभप्रद साबित होती है। परंतु आम जातक के लिए शुभ कार्य करने से पूर्व है रोग चौघड़िया को त्याग देना ही उचित होगा।
  • काल चौघड़िया:- काल चौघड़िया का स्वामी शनि ग्रह को माना जाता है और शनि ग्रह जातक के लिए प्रत्येक समय शुभ फलप्रद नहीं होता। इसलिए काल चौघड़िया में शुभ कार्य करने के विचार से दूर रहना चाहिए। परंतु धन उपार्जन के उद्देश्य से किए गए कार्य इस काल चौघड़िया में श्रेष्ठ फल प्रताप के कारक हो सकते हैं।

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आज चौघड़िया कैसे देखें

Aaj ka Choghadiya Kaise Dekhe:- 7 दिनों में सात प्रकार के चौघड़िया अपने गृह स्वामी के प्रभाव अनुसार सूर्य उदय होने पर शुरू हो जाते हैं। जातक जिस समय शुभ कार्य करने की इच्छा रखते है उन्हें समय और वार को ध्यान में रखते हुए Aaj ka Choghadiya Muhurat देखना चाहिए। जैसा कि उपरोक्त में बताया जा चुका है प्रत्येक चौघड़िया का समय लगभग डेढ़ घंटे का होता है। वर्तमान में सूर्य अस्त एवं उदय होने के समय के अनुसार चौघड़िया समय में बदलाव संभव है। नीचे दी गई चौघड़िया सारणी के अनुसार आप वार समय को ध्यान में रखते हुए चौघड़िया मुहूर्त देख सकते हैं।

Aaj ka Choghadiya

उदाहरण के लिए:- यदि आप सोमवार के दिन कोई शुभ कार्य करने का विचार करते हैं। तो आपके लिए सवेरे उदय होने के साथ ही अमृत चौघड़िया शुरू हो जाता है। आप सवेरे जल्दी कोई भी शुभ कार्य शुरू कर सकते हैं। इसी के साथ सुबह 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक शुभ चौघड़िया होता है। फिर रोग, उद्वेग और चंचल चौघड़िया आरंभ हो जाते हैं। इसलिए दोपहर 3:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक फिर से लाभ और अमृत का चौघड़िया शुभ कार्य प्रारंभ करने के लिए श्रेष्ठ है।  इसी प्रकार आप जिस साप्ताहिक वार का चौघड़िया देखना चाहते हैं इस सारणी में देख सकते हैं।

चौघड़िया मुहूर्त का जीवन में क्या महत्व है

चौघड़िया मुहूर्त एक प्राचीन भारतीय पद्धति है जिसे लोग समय के अनुसार अच्छे और बुरे कार्यों के लिए अनुसरण करते हैं। इस पद्धति में दिन को चार भागों में बाँटा गया है, और प्रत्येक भाग को शुभ और अशुभ समय के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। यह पद्धति प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में प्रचलित है और लोग इसे अपने दैनिक जीवन में अधिष्ठान देते हैं। Aaj ka Choghadiya देखने के साथ ही जानते है Choghadiya Muhurat का महत्व क्या है। 

मुहूर्त का महत्व:

  1. शुभ और अशुभ समय का अनुसरण: चौघड़िया मुहूर्त का महत्व यह है कि इससे लोग शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं और अपने कार्यों का अनुसरण करते हैं। यह उन्हें अनुकूलता और सफलता के लिए सहायक होता है।
  2. व्यापारिक और व्यक्तिगत कार्यों में उपयोग: व्यापारिक और व्यक्तिगत मुहूर्त का अनुसरण करके लोग अपने कामों को अच्छे परिणामों तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं। इससे कार्यों में समृद्धि और सफलता की संभावना बढ़ती है।
  3. धार्मिक कार्यों में महत्व: धार्मिक कार्यों जैसे पूजा, व्रत, यज्ञ आदि के लिए भी चौघड़िया मुहूर्त का अनुसरण किया जाता है। इससे धार्मिक आचरण को समयानुसार संपन्न किया जा सकता है।
  4. ज्योतिषीय परंपरा का हिस्सा: चौघड़िया मुहूर्त का अनुसरण भारतीय ज्योतिषीय परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके माध्यम से ज्योतिषशास्त्र द्वारा निर्धारित किए जाने वाले समयों में कार्य किए जाते हैं।
  5. आध्यात्मिक प्रगति: चौघड़िया मुहूर्त का अनुसरण करने से लोग अपनी आध्यात्मिक प्रगति के लिए उचित समय का चयन कर सकते हैं। इससे वे अपने मार्गदर्शक शक्तियों के साथ सम्बंध बना सकते हैं।

इस प्रकार, चौघड़िया मुहूर्त का महत्व भारतीय समाज में गहराई से स्वीकारा गया है और लोग इसे अपने जीवन में अहम भूमिका देते हैं ताकि वे सफलता और समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो सकें।


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