खाटू श्याम जी की आरती:- श्याम बाबा की आरती गाना एक अनोखा अनुभव है, जो भक्तों के मन को प्रसन्न कर देता है और उन्हें खुद से जोड़ देता है। जब यह Khatu Shyam ji Aarti सुबह और शाम को गाई जाती है तो यह भक्तों को आनंद और शांति की अनुभूति प्रदान करती है। Khatu Shyam ji Aarti को PDF फॉर्मेट में उपलब्ध करवाया जा रहा है. भक्ति में इस आरती को गाने से भक्त का मन शुद्ध हो जाता है और उसे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त करने का आशीर्वाद मिलता है। Shyam Baba हमेशा अपने भक्तों की परेशानियों और परेशानियों को दूर करते हैं और उन्हें जीवन की हर कठिनाई से उबरने में मदद करते हैं। इनका ध्यान करना हर भक्त के लिए आनंद का स्रोत होता है और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
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खाटू श्याम जी की आरती का समय | Khatu Shyam Ji Aarti Time
Khatu Shyam जी का मेला वर्ष का एक विशेष समय होता है जब भक्तों की आत्मा उत्साह और भक्ति से भर जाती है। इस मेले का न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आयामों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। Khatu Shyam मंदिर के दरबार जैसे केंद्र भक्तों को दर्शन का अवसर मिलने पर आत्मनिर्भरता की भावना देते हैं। इस मेले के दौरान बाबा के मंदिर के दरवाजे 24 घंटे खुले रहते हैं, जिससे भक्तों को अपनी श्रद्धा और आस्था साझा करने का अवसर मिलता है। यहां भक्तों का मन सुख और शांति से भर जाता है और वे बाबा के दर्शन से अपने जीवन की सभी परेशानियों और संघर्षों से छुटकारा पाना चाहते हैं।
खाटू श्याम जी की आरती | Khatu Shyam ji aarti
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
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श्याम बाबा स्तुति | Shyam Baba Stuti
हाथ जोड़ विनती करूँ, सुनियो चित्त लगाय ।
दास आ गयो शरण में, रखियो म्हारी लाज ।।
धन्य ढंुढारो देश है, खाटू नगर सुजान ।
अनुपम छवि श्रीश्याम की, दर्शन से कल्याण ।।
श्याम-श्याम तो मैं रटूँ, श्याम है जीवन प्राण ।
श्याम भक्त जग में बड़े, उनको करूँ प्रणाम ।।
खाटू नगर के बीच में, बण्यो आपको धम ।
फागुन शुक्ला मेला भरे, जय-जय बाबा श्याम ।।
फागुन शुक्ला-द्वादशी, उत्सव भारी होय ।
बाबा के दरबार से, खाली जाय न कोय ।।
उमापति, लक्ष्मीपति, सीतापति श्री राम ।
लज्जा सबकी राखियो, खाटू के बाबा श्याम ।।
पान सुपारी इलायची , अत्तर सुगन्ध भरपूर ।
सब भक्तन की विनती, दर्शन देवो हजूर ।।
‘आलूसिंह’ तो प्रेम से, धरे श्याम को ध्यान ।
‘श्याम भक्त’ पावें सदा श्याम कृपा से मान ।।
श्याम बाबा की आरती और स्तुति PDF
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