शीत ऋतु के जाने के साथ ही बसंत ऋतु के आने का आगाज़ हो जाता है. हिंदुओ के लिए बसंत पंचमी का दिन काफी खास और महत्वपूर्ण होता है. बसंत पंचमी आते ही प्रकृति का सौंदर्य निखर सा जाता है. आप भी इस अवसर पर बसंत पंचमी पर 10 लाइन लिखना चाहते हैं. तो हम आपको यहां बसंत पंचमी पर 10 वाक्य तथा निबंध (Basant Panchami Essay) उपलब्ध करवाने जा रहे है. आप अगर चाहे तो इसे अपने School या collage में use कर सकते है.
जानिए बसंत पंचमी का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व क्या है
Basant Panchami कब है
आप में से अधिकांश लोग यह जरूर जानना चाहते होंगे कि Basant Panchami कब है. तो पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02.41 और अगले दिन 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12.09 मिनट पर समाप्त होगी. ये पर्व उदयातिथि के अनुसार 14 फरवरी को मान्य होगा.
बसंत पंचमी पर निबंध
आप में से बहुत से School के Students होंगे, जो कि बसंत पंचमी पर निबंध लिखना चाहते होंगे. तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है. क्योंकि हम आपको इस Article के तहत Basant Panchami Essay in Hindi प्रस्तुत कर रहे है .
प्रस्तावना:
हमारा भारत देश त्योहारों का देश है. जहा हर छोटे और बड़े त्यौहार को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. यही वजह है कि यहां हर महिने कोई न कोई खास व्रत और त्योहार मनाया जाता है. इन्ही त्योहारों में से एक त्यौहार Basant Panchami भी है. जो कि अपने आप में विशेष महत्व रखता है.आपको बता दे कि इस दिन वाणी और विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है.
वसंत पंचमी क्यों मनाया जाता है?
हमारे देश के लोगों के पास वसंत पंचमी मनाने की अलग अलग वजह हैं, लेकिन इस त्योहार मनाने की खास वजह वसंत का मौसम है. धारणा यह है कि बसंत पंचमी के दिन से वास्तविक वसंत ऋतु की शुरुआत होती है और इसीलिए उनकी धारणा हैं कि बसंत पंचमी के एक दिन पहले चाहे कितनी भी ठंडी क्यों न हो, लेकिन त्यौहार ख़त्म होने के बाद सर्दी ख़त्म हो जाती है.
बसंत पंचमी कथा:
सृष्टि की रचना करते समय ब्रह्मा जी ने मनुष्य और जीव-जंतु योनि की रचना की.इसी बीच उन्हें महसूस हुआ कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण सभी जगह सन्नाटा छाया रहता है. इस पर ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का जिससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री, जिसके एक हाथ में वीणा थी तथा दूसरा हाथ वरमुद्रा में था तथा अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला लिए एक देवी प्रकट हुई.
ब्रह्मा जी ने वीणावादन का अनुरोध किया जिस पर देवी ने वीणा का मधुर नाद किया. जिस पर संसार के समस्त जीव-जंतुओं में वाणी व जल धारा कोलाहल करने लगी तथा हवा सरसराहट करने लगी.तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को ‘वाणी की देवी सरस्वती’ का नाम दिया. वसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी ने माता सरस्वती की उत्पत्ति की थी, यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष वसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का जन्मदिन मान कर पूजा-अर्चना की जाती है.
उपसंहार
बसंत पंचमी के दिन आप एक चीज जरूर ध्यान रखे कि हम प्रकृति से छेड़छाड़ न करें तथा इस अवसर पर जो भी प्रोग्राम को लेकर जबरन चंदा वसूलते है,तो इन गलत तरीके से वसूले गए चंदे के लिए आप नकारे.इन सभी बातों को ध्यान में रखकर स्वच्छ मन से हमें माता सरस्वती का पूजन करना चाहिए, इसके साथ साथ ही आपको इनकी पूजन में पवित्रता का भी ध्यान रखना चाहिए.
बसंत पंचमी पर 10 लाइन
अब हम आपको बसंत पंचमी पर 10 लाइन प्रस्तुत करने जा रहे है. जिसे आप जहा चाहे use कर सकते है.
- बसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा माना जाता है.
- बसंत पंचमी सभी हिन्दुओ के खास और महत्वपूर्ण त्योहारो में से एक है.
- वसंत ऋतू शीत ऋतू के अंत का सूचक है.
- जब बसंत ऋतू का आगमन होता है तभी इसके स्वागत में बसंत पंचमी मनाया जाता है.
- बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन मनाया जाता है.
- बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है.
- सभी हिंदू लोग सुबह सुबह माता सरस्वती को गुलाल और फूल अर्पित करते है.
- माता सरस्वती को आज के दिन पीले फूल पूजा में अर्पित किये जाते है.
- माता सरस्वती के पूजा के लिए बड़े बड़े पंडालों का आयोजन भी होता है.
- बसंत पंचमी पर लोग पीले कपडे पहनते है.
FAQ’s बसंत पंचमी पर 10 लाइन 2024
Q. बसंत पंचमी कब आती है?
Ans पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी 2024 को आता है.
Q.बसंत ऋतु पर किसकी पूजा की जाती है?
Ans बसंत ऋतु पर देवी सरस्वती मां की पूजा की जाती है.
Q. बसंत ऋतु पर कौनसे रंग के कपड़े पहनते है?
Ans बसंत पंचमी पर लोग पीले कपडे पहनते है.