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लिखिए महाशिवरात्रि पर 10 लाइन : निबंध, लघु कथा, महत्व, प्रस्तावना व उपसंहार

हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है. महाशिवरात्रि के इस शुभ अवसर पर सभी शिव मंदिरों में काफी भीड़ भाड़ का माहौल रहता है. इस दिन सभी भक्त महादेव के दर्शन की केवल एक झलक को तरसते है. हिन्दू पांचांग के अनुसार शिवरात्रि फाल्गुन के माह में कृष्ण चतुर्थी को मनाई जाती है. महाशिवरात्रि का पर्व माता पार्वती और महादेव को समर्पित है. कई बार collage के स्टूडेंट्स को महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर महाशिवरात्रि पर 10 लाइन, महाशिवरात्रि पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है. तो खास उन विद्यार्थीगणो के लिए हम इस Article के जरिए महाशिवरात्रि पर निबंध, Mahashivratri 10 Lines प्रस्तुत कर रहे है. तो आइए एक झलक इसे भी देखे …

 शिव पूजा मुहूर्त, विधि तथा शिवरात्रि कथा पढ़ें

Mahashivratri Essay in Hindi

इस बार वर्ष 2024 में फल्गुन महीने की महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाई जाएगी. इस पावन पर्व पर  देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा, अर्चना की जाती है. इसके साथ ही महादेव के सभी छोटे से लेकर बड़े और बूढ़े भक्त भी व्रत और उपवास रखते है. आपको बता दे कि Mahashivratri के दिन भगवान शिव और आदिशक्ति माता पार्वती का विवाह हुआ था . जिसे पूरा देश महाशिवरात्रि के पर्व के रूप में मनाते है. महिलाए भी महाशिवरात्रि के दिन अखंड सौभाग्यवती रहने के लिए व्रत की पालना करती है. तो आइए Mahashivratri के मौके पर हम यहां Mahashivratri Essay in Hindi में प्रस्तुत कर रहे है. जिसे आप अपने school या collage में उपयोग ले सकते है.

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं साझा करें 

प्रस्तावना 

हिन्दुओं का सबसे बड़ा धार्मिक त्यौहार महाशिवरात्रि है. माना जाता है महाशिवरात्रि के दिन हर एक शिवलिंग में स्वयं महादेव विराजमान होते है. इस दिन महादेव की आराधना और उपासना करने वाले लोगो की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. महाशिवरात्रि पर सभी भक्त मदमस्त होकर झूमते हुए नजर आते है. इस पर्व पर सारा दिन लोग उपवास के बाद भगवान शिव की पूजा करते है.माना जाता है कि अगर कुँवारी कन्या  इस दिन शिव की पूजा करती है, तो उन्हें शिव जी जैसा एक  आदर्शवान जीवन साथी मिलता है. तो आइए जाने इस बारे में और भी विस्तार से …

शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि व्रत नियम

महाशिवरात्रि का महत्व

सभी भक्तो के लिए महाशिवरात्रि का महत्व बहुत ही महत्वपूर्ण और खास है. माना जाता है कि जो भी मनुष्य महाशिवरात्रि का व्रत करते है उन्हे मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदुओं द्वारा महाशिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में बड़ी भक्ति और धार्मिक उत्साह के साथ जोरो शोरो से मनाया जाता है. महाशिवरात्रि का व्रत करने से भक्तों के सभी दुखो और पीड़ाओं का अंत होता है. साथ ही सभी की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है . महाशिवरात्रि पर्व के बारे में लोगों का मानना है कि इस दिन शिव ने अपने सभी शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी. वही कुछ लोग यह मानते है कि इस दिन भगवान शिव और शक्ति का मिलन हुआ था. वहीं कुछ कथाओं में यह बताया गया है कि फाल्गुन मास की चतुर्दशी को शिव दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे.

महाशिवरात्रि लघु कथा

अब आइए हम आपको महाशिवरात्रि लघु कथा के बारे में भी बताते है.शिव पुराण के अनुसार, एक बार सृष्टि के आरंभ में ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया. इस विवाद के दौरान एक अग्नि स्तंभ प्रकट हुआ और आकाशवाणी हुई कि जो भी इस स्तंभ के आदि और अंत को जान लेगा, वही ही श्रेष्ठ कहा जाएगा. ब्रह्मा और जगत के पालनहार विष्णु, दोनों ने युगों तक इस स्तंभ के आदि और अंत को जानने की कोशिश की, लेकिन वे इसे नहीं जान सके. तब भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने अपनी हार स्वीकार करते हुए अग्नि स्तंभ से रहस्य बताने की विनती की.

तब भगवान शिव ने कहा कि श्रेष्ठ तो आप दोनों ही हैं, लेकिन मैं आदि और अंत से परे हूं. इसके बाद विष्णु भगवान और ब्रह्मा जी ने उस अग्नि स्तंभ की पूजा अर्चना की और वो स्तंभ एक दिव्य ज्योतिर्लिंग में बदल गया. जिस दिन ये घटना घटी, उस दिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि थी. तब शिव ने कहा कि इस दिन जो भी व्यक्ति मेरा व्रत व पूजन करेगा, उसके सभी कष्ट दूर होंगे और सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. तब से इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाने लगा.

महाशिवरात्रि का व्रत

शिव के प्रत्येक साधक के लिए महाशिवरात्रि का व्रत एक विशेष महत्व रखता है. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और अर्चना की जाती है, जिसमें शिवलिंग का अभिषेक और प्रार्थना अवश्य की जाती है. महाशिवरात्रि के दिन व्रत के अनुसार पानी का सेवन किया जाता है, जो व्रत के पालन में बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है. शिवरात्रि के दिन अन्न का बिल्कुल भी सेवन नही किया जाता है. इनमे साबूदाना खिचड़ी या फलाहार ही ग्रहण किए जाते है .

महाशिवरात्रि पर 10 लाइन | 10 lines on Mahashivratri

जो भी विद्यार्थी महाशिवरात्रि पर 10 लाइन अपने collage में प्रस्तुत करना चाहते है, तो यह कुछ इस प्रकार से निम्नलिखित है:

  • हिन्दू धर्म के लोगों का महाशिवरात्रि त्योहार सबसे पवित्र  त्योहार माना जाता है.
  • शास्त्रों की माने तो बताया जाता है कि इसी दिन से संपूर्ण सृष्टि का संचालन आरंभ हुआ था. 
  • महाशिवरात्रि हर वर्ष फाल्गुन माह की चतुर्दशी को मनाया जाता है.
  • यह पर्व केवल भारत देश में ही नहीं अपितु विदेशो में भी काफी धूम धाम से मनाया जाता है.
  • महाशिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव के साथ विवाह किया था.
  • इस दिन भगवान शिव के प्रत्येक मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है तथा दूध या जल से उनका अभिषेक कर पूजा पाठ की जाती है.
  • शिवमहापुराण के अनुसार इसी महाशिवरात्रि  को भगवान भोलेनाथ एक बड़े ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे तथा ब्रह्मा और विष्णु ने उनकी सर्वप्रथम पूजा की थी.
  • महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के हर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है.
  • इस दिन भारत की कुंवारी कन्याएं अपनी इच्छा योग्य वर प्राप्ति हेतु निर्जला उपवास रखती है तथा शिव की पूजा करती है.
  • माना जाता है कि भगवान महादेव को बेलपत्र, धतूरा, बेर, फल तथा दुग्धाभिषेक अतिप्रिय होते है.

उपसंहार

अंत में हम आपको यही बताएंगे कि महाशिरात्रि सभी भक्तो के लिए एक खास त्योहार है. इस दिन हर भक्त अध्यात्म के रंग में रंग जाता है. सच्ची भक्ति में डूबे हुए ये भक्त पूरे दिन महादेव की आराधना करते है. भक्तो की इस भावपूर्ण भक्ति को देखकर भगवान महादेव सदा प्रसन्न होते है. हमारी संस्कृति में महाशिवरात्रि का बहुत ही गहरा महत्व है. भक्तो को अध्यात्म के साथ साथ सामाजिक समृद्धि भी प्राप्त होती है. महाशिवरात्रि पर्व हमे यह सिखाता है कि जीवन में सफलता के लिए हमेशा आप में सामर्थ्य, तप और समर्पण की आवश्यकता होती है. अगर यह तीनों आप में विद्यमान है तो आपको जीवन में कभी भी असफलता नही मिलेगी.

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