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किसानों को राहत: दो लाख तक का ऋण माफ़ी और ग्राम प्रधानों के लिए दोगुनी सम्मान राशि

Jharkhand Krishi Karj Maaf: झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों और ग्रामीण समुदाय के लिए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं जो उनके जीवन में खुशहाली लाने का वादा करती हैं। एक तरफ, किसानों के ऋण माफ करने का ऐलान करके सरकार ने उनके कर्ज के बोझ को कम करने का प्रयास किया है, तो दूसरी तरफ परंपरागत ग्राम प्रधानों की सम्मान राशि बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों में उनके योगदान को सराहा है। इस लेख में, हम Jharkhand Krishi Karj Maaf दोनों महत्वपूर्ण फैसलों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और देखेंगे कि ये फैसले किसानों और ग्रामीण समुदाय के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है। तो चलिए जानते है-

झारखंड में किसानों के दो लाख तक के ऋण माफ | Jharkhand Krishi Karj Maaf

झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुए 2 लाख रुपये तक के ऋण माफ करने का फैसला लिया है। 31 मार्च 2020 तक जिन किसानों ने 50 हजार से लेकर दो लाख तक का लोन लिया था, उन्हें ‘One Time Settlement’ के जरिए ऋण से मुक्ति मिलेगी। यह फैसला इस साल फरवरी में पेश किए गए बजट में किए गए वादे को पूरा करता है और बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद अब यह अमल में आएगा। इससे पहले, राज्य के 4 लाख 73 हजार से ज्यादा किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ किए जा चुके हैं, जिसके लिए सरकार ने बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि दी थी। यह कदम झारखंड के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और उनकी खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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ये खास निर्णय लिया कैबिनेट ने 

झारखंड सरकार ने राज्य के पारंपरिक ग्राम स्वशासन व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधानों और विभिन्न स्तर के पदधारकों की सम्मान राशि में दोगुनी बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक नेतृत्व को सम्मानित करने और उनकी भूमिका को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। अब मानकी और परगनैत को प्रतिमाह 3 हजार के बदले 6 हजार रुपए, मुंडा एवं परगनैत को 2 हजार के बदले 4 हजार रुपए की सम्मान राशि मिलेगी। इसके अलावा, डाकुआ, पराणिक, जोगमांझी, कुड़ाम नायकी, नायकी, गोडैत, मूल रैयत, ग्रामीण दिउरी, पड़हा राजा, घटवाल और तावेदार को प्रतिमाह 2 हजार रुपए दिए जाएंगे। सम्मान राशि में वृद्धि से सरकार के खजाने से करीब 89.59 करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक नेतृत्व को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्राम प्रधानों का मासिक मानदेय होगा दोगुना

Jharkhand Cabinet ने कुल 37 प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसमें State Executive Rules 2000 में संशोधन करके केंद्रीय एजेंसियों से संबंधित मामलों को कैबिनेट सचिवालय एवं सतर्कता विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी शामिल है। ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए, आदिवासी गांवों के ग्राम प्रधानों के मासिक मानदेय को दोगुना करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है। अब Manki-Munda का मानदेय 3,000 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति माह और ग्राम प्रधानों का 2,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। डाकुआ का मानदेय भी 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति माह किया गया है।

साथ ही, राज्य संचालित एयर एंबुलेंस सेवा के किराए में 50 फीसदी तक की कटौती की गई है। रांची से दिल्ली का मौजूदा एकतरफा किराया 5 लाख रुपये से घटाकर 3.10 लाख रुपये कर दिया गया है। यह कदम लोगों को सस्ती और आसान स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।

झारखंड में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय

Jharkhand Chief Minister Hemant Soren ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में ‘कृषि ऋण की सीमा’ बढ़ाने के निर्णय को राज्य के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य में कृषि के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगा और किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। सोरेन ने पारंपरिक ग्राम प्रधानों के सम्मान राशि बढ़ाने के निर्णय को भी महत्वपूर्ण बताया, जिससे राज्य पर 85.59 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक नेतृत्व को सम्मानित करने और उनकी भूमिका को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।

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