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स्वतंत्रता दिवस पर कविता हिंदी में | Independence Day Poem in Hindi

Independence Day Poem in Hindi: 15 अगस्त, हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की ज्वाला जगाने वाला दिन। 200 साल की गुलामी के बाद हासिल की गई आजादी की कहानी, हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों की गौरव गाथा है। इस साल भी, देश भर में स्कूल, कॉलेज, सरकारी और निजी संगठन तिरंगा फहराकर, राष्ट्रगान गाकर Independence Day का जश्न मना रहे हैं। लेकिन आजादी का जश्न सिर्फ झंडा फहराने तक सीमित नहीं है। देश प्रेम की भावना को जिंदा रखने में हमारे कवियों और उनकी कविताओं का भी अहम योगदान है। कविताओं में देशभक्ति की आग, आज भी लोगों की रगों में जोश भर देती है।

इस बार, 15 अगस्त पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में देशभक्ति से जुड़ी प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है। पोस्टर मेकिंग, स्पीच, क्वीज और कविताओं की तैयारी जोरों पर है! इस ब्लॉग में हम आपको Independence Day Poem in Hindi के बारे में जानकारी देंगे, और आपको प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे।

स्वतंत्रता दिवस पर कविता हिंदी में | Independence Day Poem in Hindi

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा कविता -1

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा

हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा

ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में

समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का

वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा

गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँ

गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा

ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको

उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा

मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना

हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा

यूनान-ओ-मिस्र-ओ- रोमा, सब मिट गए जहाँ से

अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशाँ हमारा

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी

सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जहाँ हमारा

‘इक़बाल’ कोई महरम, अपना नहीं जहाँ में

मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहाँ हमारा

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा

हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा

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धरती माँ की गोद में, फूला है यह देश हमारा कविता – 2

धरती माँ की गोद में, फूला है यह देश हमारा,

हर कण में है प्यार, हर पत्ते में है शान हमारा।

सूर्य की किरणों से, जागता है यह सवेरा हमारा,

नदियों की धारों में, बहता है यह जीवन हमारा।

हिमालय की चोटियों से, लेकर समुद्र की लहरों तक,

हर जगह है खुशहाली, हर जगह है गीत हमारा।

वीरों की धरती है यह, जहाँ बहा है खून हमारा,

आजादी की मशाल, जला रखी है हर नौजवान हमारा।

हर दिल में है देशभक्ति, हर आँख में है उम्मीद,

बढ़ते हैं हम आगे, नए सपनों के साथ, नए जज़्बात के साथ।

धरती माँ की गोद में, फूला है यह देश हमारा,

हर कण में है प्यार, हर पत्ते में है शान हमारा।

उठो, धरा के अमर सपूतों कविता -3

उठो, धरा के अमर सपूतों। 

पुन: नया निर्माण करो। 

जन-जन के जीवन में 

फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो। 

नई प्रात है नई बात है 

नई किरन है, ज्योति नई। 

नई उमंगें, नई तरंगें 

नई आस है, सांस नई। 

युग-युग के मुरझे सुमनों में 

नई-नई मुस्कान भरो। 

उठो, धरा के अमर सपूतों। 

पुन: नया निर्माण करो।।1।। 

डाल-डाल पर बैठ विहग 

कुछ नए स्वरों में गाते हैं। 

गुन-गुन, गुन-गुन करते भौंरें

मस्त उधर मँडराते हैं। 

नवयुग की नूतन वीणा में 

नया राग, नव गान भरो। 

उठो, धरा के अमर सपूतों। 

पुन: नया निर्माण करो।।2।। 

कली-कली खिल रही इधर 

वह फूल-फूल मुस्काया है। 

धरती माँ की आज हो रही 

नई सुनहरी काया है। 

नूतन मंगलमय ध्वनियों से 

गुँजित जग-उद्यान करो। 

उठो, धरा के अमर सपूतों। 

पुन: नया निर्माण करो।।3।।

सरस्वती का पावन मंदिर 

शुभ संपत्ति तुम्हारी है। 

तुममें से हर बालक इसका 

रक्षक और पुजारी है। 

शत-शत दीपक जला ज्ञान के 

नवयुग का आह्वान करो। 

उठो, धरा के अमर सपूतों। 

पुन: नया निर्माण करो।।4।।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा कविता – 4

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

झंडा ऊंचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,

प्रेम सुधा सरसाने वाला,

वीरों को हरषाने वाला,

मातृभूमि का तन-मन सारा।।

झंडा ऊंचा रहे हमारा।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,

लखकर बढ़े जोश क्षण-क्षण में,

कांपे शत्रु देखकर मन में,

मिट जाए भय संकट सारा।।

झंडा ऊंचा रहे हमारा।

इस झंडे के नीचे निर्भय,

लें स्वराज्य यह अविचल निश्चय,

बोलें भारत माता की जय,

स्वतंत्रता हो ध्येय हमारा।।

झंडा ऊंचा रहे हमारा।

आओ! प्यारे वीरो, आओ।

देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ,

एक साथ सब मिलकर गाओ,

प्यारा भारत देश हमारा।।

झंडा ऊंचा रहे हमारा।

इसकी शान न जाने पाए,

चाहे जान भले ही जाए,

विश्व-विजय करके दिखलाएं,

तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।।

झंडा ऊंचा रहे हमारा।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

झंडा ऊंचा रहे हमारा।

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