हमारे देश में वैसे तो सभी त्योहार बहुत ही धूम धाम से मनाए जाते है. लेकिन जब बात आती है होली के पावन पर्व की,तो इस त्योहार की बात हो निराली है. सभी लोग बड़े ही सौहार्द्र और उत्साह के साथ होली मनाते है. इस दिन लोग अपने पुराने गिले शिकवे भूल कर गले लगाकर एक दूसरे को गुलाल लगाते है. अगर आप भी किसी collage या school में अध्यनरत है, और आपसे होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) लिखने को कहा गया है तो आप बिल्कुल सही स्थान पर आए है. क्योंकि हम आपको Essay on Holi In Hindi मे प्रस्तुत करने जा रहे है. ये निबंध आपको 200 शब्द व 300 शब्दों में मिलेगा साथ है होली पर 10 लाइन भी पढ़ने को मिलेगी तो आइए देखें
Holi Par Nibandh
Hindu धर्म के सभी त्योहारों में होली का बहुत बड़ा महत्व है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस साल 24 मार्च को होलिका दहन और 25 मार्च को धुलंडी का त्यौहार मनाया जायगा। होली का आयोजन बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा . हमारे देश के अलग अलग कोने में भिन्न भिन्न तरह से होली खेली जाती है. जैसे कहीं लठ मार होली खेली जाती है ,तो कही फूल भरी होली खेली जाती है, कही सिर्फ गुलाल से ही होली खेलते है . भले ही होली खेलने का तरीका सभी का भिन्न भिन्न है ,लेकिन उनमें रंग का होना सभी में समान है. तो आइए अब पेश करते है आपके सामने Holi Par Nibandh…
Essay on Holi In Hindi 2024
आइए अब हम आपके सामने प्रस्तुत करते है Essay on Holi In Hindi में. हिंदू धर्म के दूसरे सबसे बड़े त्यौहार होली के दिन धार्मिक संस्थान,मंदिरों, अन्य कही जगह पर होलिका दहन की जोरो शोरो से तैयारियां की जाती है. होलिका के लिए लोग एक बड़ा बांस, लकड़ियां, कंडे आदि का प्रयोग करते है. कई तरह के पकवानों से सुसज्जित थाली लेकर सभी महिलाएं और पुरुष होली की पूजा करने जाते है.इसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं , और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं. इस तरह होली की पूजा पूर्ण होती है.
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होली पर निबंध 200 शब्दों में
Holi का इतिहास बहुत ही पुराना है, आइए हम आपको होली से जुड़ी एक पौराणिक कथा बताते है.हरिण्यकश्यप नाम का एक शैतान राजा था. जिसे अपने शौर्य का अत्यधिक घमंड था. उनका एक बेटा था, जिसका नाम प्रह्लाद था और एक बहन थी जिसका नाम होलिका था. प्रह्लाद विष्णु भगवान का भक्त था. उस शैतान राजा को भगवान ब्रह्मा का आशीर्वाद था कि उसे कोई भी आदमी, जानवर या हथियार नहीं मार सकता था. इसी घमंड के चलते हरिण्यकश्यप ने अपनी प्रजा को ये आदेश दिया कि राज्य में भगवान की नहीं राजा की पूजा कि जाए और इसी आदेश के चलते राजा ने अपने पुत्र को मार डालने का भी प्रयास किया ,क्योकि वे भगवान विष्णु में आस्था रखता था. हरिण्यकश्यप कि बहन थी होलिका, जिसे भगवान ने वर दिया था कि अग्नि उसे कभी भी नही जला पाएगी.
इसी का लाभ उठाते हुए एक दिन राजा ने प्रह्लाद को मारने की योजना रची. जिसमे उसने होलिका कि गोद में प्रह्लाद को बिठाकर उसे अग्नि में बैठ जाने को कहा, हरिण्यकश्यप को लगा कि होलिका कभी नहीं जलेगी और प्रह्लाद मृत्यु को प्राप्त हों जाएगा, लेकिन यह माजरा उल्टा ही पड़ गया. प्रह्लाद अग्नि में नही जल पाया और होलिका पूरी तरह से जलकर भस्म हो गई. यही कारण है कि होली के एक दिन पहले मुहूर्त के अनुसार होलिका जलाई जाती है. होली का यह पावन त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है.
होली पर निबंध 300 शब्दों में
पूरे देश में सभी जगह आपको होली की मौज मस्ती और धूम अभी से ही देखने को मिल जाएगी. होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक त्यौहार है. यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक माना गाया है. यानी कि होली एक ऐसा पर्व है, जहा लोग आपस में एक दूसरे को रंग लगाकर बधाईयां देते है . पहले के समय में लोग प्राकृतिक रंगों से ही होली खेला करते थे लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं.
इसी के साथ लोग पानी, फूलों, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं.कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है ,कई जगह लट्ठमार होली भी खेली जाती हैं , कई पुष्पों और गुलाल की वर्षा की जाती हैं. होली पर्व लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने अपने घर जाते हैं. फिर शाम को अच्छे से तैयार होकर लोग एक दूसरे के घर में जाकर मिलन समारोह करते है. खासकर इस दिन महिलाए गुजिया और पकोड़े बनाकर खिलाना ज्यादा पसंद करती है .
वही होली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध वृंदावन और उत्तर प्रदेश की हैं. यहां पुराने तरीके यानी परंपरागत रूप से होली मनाई जाती हैं. हर मंदिर में यहां जोरो शोरो से पूजा आराधना होती है. राधा और कृष्ण के सभी भक्त होली के दिन पूरे विधि विधान से पूजा करते है. वृंदावन की होली में लोग गोपीगीत, रासलीला, और अन्य परंपरागत नृत्य और संगीत का आनंद उठाते हैं. आप यह कि होली का दृश्य कभी देखे तो हर जगह आपको रंग और गुलाल ही दिखाई देगा.
होली के त्यौहार को होलिकोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. होलिका शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के होल्क शब्द से हुई थी, जिसका अर्थ होता है भुना हुआ अन्न जिससे होलिका शब्द से होली शब्द की उत्पत्ति हो गई.
पुराने समय में जब लोग अपनी नई फसल को काटते थे, तो उससे कोई भी काम करने से पहले भगवान का भोग लगाते थे, इसलिए नए अन्न को अग्नि में समर्पित किया जाता है. अन्न को भुनने के बाद यह सभी लोगों में प्रसाद के रूप में बाँटते है.
होली पर 10 लाइन
अब आइए हम आपको होली पर 10 लाइन प्रस्तुत कर रहे हैं. जिसका विवरण इस प्रकार है:
- होली भारत के हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है.
- होली हर वर्ष फाल्गुन मॉस की पूर्णिमा को मनाई जाती है.
- होली को विविध रंगों का त्यौहार है.
- होलिका दहन को अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में जाना जाता है.
- इस त्यौहार को भक्त प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है.
- होलिका दहन के दिन सभी लोग अपने घरो से लकड़िया, गोबर के उपले की माला और घर में बने स्वादिष्ट पकवान इस अग्नि में समर्पित करते है.
- Holi के दिन लोग गुजिया, पकोड़े और पापड़ एवं अन्य कई सारे पकवान बनाते है.
- होली के दिन सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर रंग और गुलाल लगाते है.
- होली के दिन सभी लोग अपने बड़ो की शुभकामनाओं के साथ उनका आशीर्वाद लेते है.
- होली केवल भारत देश में ही नहीं अपितु विदेशो में भी बहुत धूम धाम से मनाई जाती है.