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क्या आप जानते है आर्टिकल 370 क्यों हटाई गई है : अनुच्छेद 370 क्या है, लाभ सब जाने | Dhara 370 Kya Hai

आर्टिकल 370 भारतीय संविधान में वर्णित एक विशेष प्रकार का कानूनी प्रावधान है जो भारत के जम्मू कश्मीर में लागू किया गया था. जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त  करने के फैसले को सही ठहराया है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने जो भी फैसला लिया है वह संविधान के अंतर्गत ही लिया है। हम आपको बता दे कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 होने के कारण भारत सरकार के कई अहम कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं किया जा सकते थे हैं. अगर कोई भी कानून जम्मू कश्मीर में लागू करवाना है तो वहां के विधानसभा से उसकी अनुमति लेनी पड़ती थी. ऐसे में भारत के प्रत्येक नागरिक के मन में Dhara 370 Kya Hai उससे संबंधित जानकारी जानने की उत्सुकता तेजी के साथ बढ़ रही होगी. इसलिए आज के आर्टिकल में हम आपको Article 370 kya Hai के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी आपको प्रदान करेंगे आप हमारे साथ आर्टिकल पर बने रहिएगा चलिए जानते हैं-

आर्टिकल 370 क्या है

 आर्टिकल का प्रकारआर्टिकल 370
आर्टिकल का नामअनुच्छेद 370
साल2024
आर्टिकल 370 कब हटाया गया5 अगस्त 2019
किसके द्वारा हटाया गयाभारतीय सांसद लोकसभा और विधानसभा के द्वारा
आर्टिकल 370 हटाने का विधायक किसके द्वारा लाया गया थाभारत के गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा

Dhara 370 Kya Hai

धारा 370 (article 370) भारतीय संविधान का एक विशेष कानूनी प्रावधान है. जो जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था. आर्टिकल 370 के अनुसार भारतीय संविधान जम्मू कश्मीर में सीमित मात्रा में लागू किया गया था जिसके कारण भारत सरकार के कई हम ऐसे फैसले थे. जो जम्मू कश्मीर में लागू करने के लिए वहां के विधानसभा से अनुमति लेनी पड़ती थी. जिसके कारण जम्मू कश्मीर का विकास तीव्र गति से नहीं हो पाया . जम्मू कश्मीर में धारा 370 को पंडित जवाहरलाल नेहरू और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के द्वारा 5 महीना की बातचीत के बाद संविधान में जोड़ा गया था.

 Dhara 370 Kya Hai

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Article 370 in Hindi

आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर में लागू किया गया एक विशेष संविधान संबंधित अनुच्छेद का जिसके मुताबिक जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सकता है. आर्टिकल 370 को कश्मीर में लागू करने के लिए 1951 में कश्मीर संविधान सभा आयोग गठित की गई थी. जिसमें कुल मिलाकर 75 सदस्य को शामिल किया गया था. उन्हें जम्मू और कश्मीर के संविधान का अलग मसौदा तैयार करने के लिए कहा गया जो नवंबर, 1956 पूरा हुआ और 26 जनवरी, 1957 को राज्य में लागू कर दिया गया. इसके अंतर्गत राज्य में भारतीय संविधान संबंधित कई अहम प्रावधान थे जो जम्मू कश्मीर में लागू नहीं किया जा सकता जिसका विवरण हम नीचे दे रहे हैं-

  • आर्टिकल 1 (भारत राज्यों का एक संघ है) के अलावा  भारतीय संविधान का कोई भी आर्टिकल जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होता था.
  • 370 के कारण जम्मू कश्मीर का अपना एक अलग संविधान था.
  • जम्मू कश्मीर का अपना संविधान होने के कारण भारतीय संविधान अनुच्छेद 356 जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होता था.
  • जम्मू कश्मीर के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार भारत के राष्ट्रपति के पास धारा 370 के कारण नहीं था.
  • आर्टिकल 370कारण कश्मीर में विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था,
  • जम्मू कश्मीर में आपातकाल की घोषणा भारत सरकार के द्वारा नहीं की जा सकती थी
  • जम्मू कश्मीर का अपना एक अलग झंडा था.
  • भारत के राष्ट्रपति के द्वारा जम्मू कश्मीर में अगर कोई कानून लागू करना है तो उसके लिए जम्मू कश्मीर विधानसभा से अनुमति लेनी होगी.
  • भारत सरकार के पास केवल विदेश मामलों, रक्षा और संचार के संबंध में राज्य में क़ानून बनाने की शक्तियां हैं. 

धारा 370 कब हटाई गई

5 अगस्त 2019 को संसद में भारत के होम मिनिस्टर अमित शाह के द्वारा धारा 370 को हटाने का विधायक पेश किया गया था . जिस पर काफी घंटे तक बहस चली और उसके बाद संसद में मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई. जिसके कारण एक तिहाई बहुमत से धारा 370 हटाने का विधेयक लोकसभा से पारित कर दिया गया. फिर इसे राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया. वहां पर भी इसे बहुमत के साथ  पारित कर दिया गया..फिर इस विधायक को राष्ट्रपति के पास मंजूर करने के लिए भेजा गया. राष्ट्रपति के द्वारा एक आदेश जारी किया गया. जिसमें इस बात का उल्लेख था.कि जम्मू कश्मीर अब विशेष राज्य नहीं रहेगा . जिसके कारण जम्मू कश्मीर में अब भारत का कोई भी नागरिक जाकर जमीन दुकान या मकान इत्यादि चीज खरीद सकता है,

आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का  फैसला

आर्टिकल 370 जब भारत सरकार के द्वारा निरस्त किया गया तो उसे संबंधित कई प्रकार की आ चुका है सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सभी याचिकाओं को ध्यानपूर्वक कोर्ट ने सुना और उसे पर काफी दिनों तक बहस भी चला. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 पर अपना पैसा सुनाया और फैसले में उन्होंने कहा कि भारत सरकार के द्वारा आर्टिकल 370 जो हटाया गया है. वह संविधान के अनुरूप है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट सरकार के उसे आदेश को बरकरार रखती है और साथ में कोर्ट को आदेश जारी करती है कि’ जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द विधानसभा के चुनाव करवाए जाएं ताकि वहां पर  लोकतांत्रिक सरकार का गठन हो .

धारा 370 हटने से क्या लाभ होगा

धारा 370 हटाने से जम्मू कश्मीर के निवासियों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त हुए हैं इसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं

  • भारत के दूसरे राज्यों की तरह जमीन कश्मीर को भी सरकार विकसित के पद पर अग्रसर करेगी।
  • केंद्र सरकार के द्वारा जम्मू कश्मीर के विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई है ताकि जम्मू कश्मीर का विकास तेजी के साथ किया जा सके.
  • आर्टिकल 370 समाप्त होने से जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां कम हुई है.
  • पत्थरबाजी और हिंसा के मामलों में कमी आई है
  • अब जम्मू-कश्मीर में देश के अन्य राज्यों के लोग भी जमीन ले सकते हैं.
  •  कश्मीर का अब अलग झंडा नहीं है.
  • जम्मू कश्मीर में अब भारतीय तिरंगा का अगर कोई अपमान करेगा तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा .
  • अनुच्छेद 370 समाप्त होने से अब जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू होगा.
  • जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों की दोहरी नागरिकता समाप्त हो गई है.
  • 370 समाप्त होने के कारण जम्मू कश्मीर की लड़कियां अब भारत के किसी भी राज्य के लड़कों से शादी कर सकती है .
  • जम्मू कश्मीर में अब विधानसभा का कार्यकाल 5 सालों का होगा.
  • अब जम्मू कश्मीर में कोई भी व्यक्ति नौकरी कर सकता है .
  • अब जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार संबंधित मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसी के द्वारा की जा सकती है.

FAQ’s Dhara 370 Kya Hai

Q. धारा 370 पर हस्ताक्षर किसने किया ?

Ans : धारा 370 पर भारत के तत्कालिक प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल  नेहरु जी और  कश्मीर के तत्कालीन राजा हरीश सिंह के बीच में हस्ताक्षर किए गए थे.

Q. धारा 370 को हटाना क्या मुमकिन है?

Ans. भारतीय संविधान में धारा 370 अस्थाई था.यानी इसे कभी भी भारतीय संसद के द्वारा  हटाया जा सकता है .

Q. सुप्रीम कोर्ट ने 370 के बारे में क्या कहा?

Ans. न्यायालय ने माना कि अनुच्छेद 370 एक “अस्थायी प्रावधान” था, जिसे भारत के साथ जम्मू-कश्मीर का संवैधानिक एकीकरण पूरा होने  होने के बाद हटा लेना चाहिए था.

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