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Basant Panchami Ka Mahatva 2024: जानिए बसंत पंचमी का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व क्या है

हमारे देश में हिंदू धर्म में हर छोटे बड़े त्यौहारों को बड़ी ही खुशियों के साथ मनाते है. इन्ही में से एक त्यौहार बसंत पंचमी भी है. शीत ऋतु के जानने के साथ ही बसंत ऋतु का स्वागत  होता है. पंचांग के मुताबिक माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से बसंत ऋतू का शुभारंभ हो जाता है. पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2024 में बसंत पंचमी पर्व 14 फरवरी 2024 के दिन मनाई जाएगी. बसंत ऋतु पर कला और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का प्रावधान है. इसके साथ ही इस त्यौहार के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी है , जिसके बारे में अधिकांश लोग नही जानते हैं. तो आइए हम आपको बसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व से जुड़ी जानकारी share करेंगे.

बसंत पंचमी पर 10 लाइन 2024

बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है

हिंदुओ में हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी मनाई जाती है. अब बहुत लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है . तो आपको बता दे कि यह शुभ अवसर मां सरस्वती का दिन होता है.एक धार्मिक मान्यता के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन सरस्वती मां की पूजा और अर्चना करने से विवेक और बुद्धि की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म के लोग बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की तन मन से पूजा और आराधना करते है.

Basant Panchami Ka Mahatva

बसंत पंचमी का महत्व 

अब आपको हम बसन्त पंचमी का महत्व क्या है इस बारे में भी बताएंगे. एक पौराणिक मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी में के दिन माता सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. जिसके चलते लोग बुद्धि और विवेक के लिए मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं. माना जाता है कि इस दिन सरस्वती मां की पूजा करने से भक्तो को ज्ञान की प्राप्ति होती है. वही अधिकांश लोग किसी भी कार्य की शुरुआत को भी बसंत पंचमी के दिन करना बहुत शुभ मानते है. यही कारण है कि बसंत पंचमी को शुभ, समृधि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.

बसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व

बहुत कम लोग ये जानते है कि बसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व भीं है. आपको बता दे कि अगर विज्ञान के दृष्टि से देखें तो पीले रंग का बहुत महत्व है. पीला रंग उत्साह बढ़ाता है और दिमाग को सक्रिय रखता है. यह रंग मन को मजबूत करता है. ये रंग हमारे नर्वस सिस्टम पर असर डालता है, जिससे दिमाग में सेरोटोनिन हॉर्मोन निकलता है. इसके साथ ही साथ पीला रंग मानसिक तनाव  को भी दूर करता है. वही अगर फलों की बात करे तो पीले रंग की सब्जियां और फल कई बीमारियों से बचाने में भी मददगार होते हैं. कई पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती को समर्पित यह दिन बसंत मौसम की शुरुआत का प्रतीक है. पौराणिक ग्रंथों में पीले रंग को समृद्धि, ऊर्जा, प्रकाश और आशावाद का प्रतीक माना गया है.

बसंत पंचमी का आध्यात्मिक महत्व

वही अगर बात करे बसंत पंचमी का आध्यात्मिक महत्व के बारे में , तो बसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व के साथ साथ आध्यात्मिक महत्व भी बहुत है. कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का जन्‍म हुआ था और इसलिए इस दिन को विद्या की देवी मां सरस्‍वती की जयंती के रूप में मनाया जाता है.जैसे धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपावली सभी हिंदुओ के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है, बिल्कुल उसी प्रकार बसंत पंचमी ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा के लिए खास और महत्वपूर्ण है.

FAQ’s बसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व

Q.बसंत पंचमी पर किसकी पूजा की जाती है?

Ans बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है.

Q. बसंत पंचमी पर कौनसे रंग के कपड़े पहने जाते हैं?

Ans बसंत पंचमी पर पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं.

Q. बसंत पंचमी के आगमन से कौनसी ऋतु चली जाती है?

Ans बसंत पंचमी के आगमन से शीत ऋतु चली जाती है?

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