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Aachar Sanhita 2024: आचार संहिता क्या है, कब लागू होगी, जाने आदर्श आचार संहिता के नियम

आचार संहिता क्या है:- अप्रैल-मई 2024 के अंतराल में भारत में 16वीं लोकसभा के चुनाव होने हैं. देश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने विभिन्न राज्यों की लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने वाले अपने प्रत्याशियों की लिस्ट भी जारी कर दी है, जिन्हें BJP से Lok Sabha Chunav का टिकट दिया जाना है. इसी के साथ देश में और भी राजनीतिक दल हैं जो अपने प्रत्याशियों पर विचार कर रहे हैं. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) ने आज एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है की शनिवार यानी कल 16 मार्च 2024 को दोपहर 3 बजे एक प्रेस वार्ता रखी गई है. इसके आगे प्रेस रिलीज में चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश में होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखों और Aachar Sanhita 2024 का एलान किया जाएगा.

साथ ही जिन राज्यों में विधानसभा उपचुनाव होने हैं उनकी तारीखों का भी ऐलान चुनाव आयोग कर सकता है. चुनाव आयोग के लोक सभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता (code of conduct in Hindi) लागू हो जाएगी.

कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि भारत निर्वाचन आयोग लोक सभा के चुनाव 7 चरणों में करा सकता है, यानि अप्रैल से मई 2024 के दरमियान आम चुनाव आयोजित किए जाएंगे. भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://www.eci.gov.in/ पर चुनाव से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध होती हैं. आप आचार संहिता और चुनाव आयोग के बारे में और जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें. 

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आचार संहिता क्या है | कोड ऑफ कंडक्ट क्या है

भारत निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता मुख्य रूप से राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए बनाई गई है. चुनाव के समय जिसका पालन करना अनिवार्य है. निर्वाचन आयोग चुनावों से पहले जब वोटिंग की तारीखों का ऐलान करता है उसी दिन से चुनाव के परिणाम आने तक चुनाव संबंधी स्थान पर Aachar Sanhita लागू होती है. बता दें आदर्श आचार संहिता का भारत के संविधान में उल्लेख नहीं है, लेकिन चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न करने हेतु चुनाव आयोग, सरकार और राजनीतिक दलों द्वारा इसे लागू कराया जाता है और इसका पालन किया जाता है. आचार संहिता लोकसभा चुनावों के दौरान पूरे देश में लागू की जाती है. और जब विभिन्न राज्यों में विधानसभा के चुनाव होते हैं उस समय सिर्फ उन्हीं राज्यों में Code Of Conduct का पालन किया जाता है.

चुनाव प्रचार के लिए आदर्श आचार संहिता क्या है

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा चुनावों क्षेत्रों में आचार संहिता लागू की जाती रही है. आचार संहिता के लागू होने के बाद राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों को कई नियमों का पालन करना होता है. और उन मापदंडों के भीतर रह कर ही चुनाव प्रचार करना होता है. अगर हम चुनाव प्रचार के लिए आदर्श आचार संहिता की बात करें तो राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और क्षेत्रीय दलों को ये हिदायत दी जाती है कि उन्हें चुनाव के परिणाम आने तक किस तरह का आचरण रखना है.

इसके साथ ही यदि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाती है. चुनाव प्रचार के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा फंड भी निर्धारित किए जाते हैं कि राजनीतिक दल उस सीमा में रह कर ही चुनाव प्रचार पर कम से कम रुपयों का उपयोग करेंगे. बता दें पिछले चुनावों में आचार संहिता के उल्लंघन पर कई राजनीतिक दल और प्रत्याशियों पर निर्वाचन आयोग द्वारा कार्रवाई की गई है, जिन पर आज भी केस जारी है. कुछ नेताओं पर चुनाव लड़ने का प्रतिबंध भी लगाया गया है. 

आदर्श आचार संहिता के नियम | Aachar Sanhita Ke Niyam

  • आदर्श आचार संहिता के कई नियम भी हैं. जिनका पालन करना चुनाव के दौरान बहुत जरूरी है. 
  • आचार संहिता लागू करते समय ये बताया जाता है कि चुनाव की प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक पार्टियों, सत्ताधारी दलों और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार, जुलूस और बैठकों के दौरान और वोटिंग के समय अपना व्यवहार कैसा रखना है. 
  • सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास, नए कामों की स्वीकृति और सरकारी भर्तियां आचार संहिता के दौरान बंद होती हैं.
  • किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के हित को बढ़ाने के लिए आधिकारिक विमान, वाहन आदि के अलावा किसी भी परिवहन का उपयोग नहीं किया जाएगा. 
  • ज्यादा वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जाएगी.
  • मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों या अन्य किसी भी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा.
  • सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने वाले होर्डिंग्स को हटा दिया जाएगा और ऐसे कोई भी फ्लेक्स या होर्डिंग्स नहीं लगाए जायेंगे जिसमें राजनीतिक दलों की घोषणाएं या उपलब्धियां हों.
  • चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं करना है.
  • आचार संहिता के दौरान किसी भी व्यक्ति या जनता को धन या वस्तुओं का लालच नहीं देना है. 
aachar sanhita Ke Niyam

चुनाव से कितने दिन पहले आचार संहिता लागू होती है 

चुनाव आयोग लोकसभा या राज्य स्तर पर होने वाले विधान सभा चुनावों के लिए लगभग 30 दिन यानि 1 माह पहले आचार संहिता लागू कर देता है. बता दें कोई आचार संहिता लागू करने का कोई समय निर्धारित नहीं है, लेकिन निर्वाचन आयोग द्वारा 1 माह पहले आचार संहिता लागू कर दी जाती है. बता दें सबसे पहले साल 1960 में केरल के विधानसभा चुनावों में आचार संहिता लागू की गई थी. वहीं साल 1962 में पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता को लागू किया गया था. 

आचार संहिता कब लागू होगी

15 मार्च 2024 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज के अनुसार 16 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही पूरे देशभर में आचार संहिता लागू हो जाएगी. बता दें 16वीं लोकसभा के चुनाव इस साल सात चरणों में संपन्न हो सकते हैं. आचार संहिता राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों सरकारी कार्यालयों के साथ साथ आम आदमी पर भी लागू होती है. यदि आम आदमी भी आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाती है. यदि कोई भी राजनेता किसी आम आदमी को या अपने सहायक को आचार संहिता के नियमों के विरुद्ध  जाकर कार्य करने के लिए कहता है तो आप उसे चुनाव आयोग का हवाला देकर या आचार संहिता के नियम बताकर मना कर सकते हैं. आचार संहिता का उल्लंघन करने पर आपको हिरासत में भी लिया जा सकता है. 

FAQ’s आचार संहिता क्या है

Q. लोकसभा चुनाव की होंगे ?

Ans. अप्रैल-मई 2024 के दरमियान भारत में होंगे लोकसभा चुनाव.

Q. ट्रांसफर-पोस्टिंग हो सकती है क्या आचार संहिता में?

Ans. नहीं, आचार संहिता के दौरान ट्रांसफर पोस्टिंग जैसी सभी गतिविधियां बंद रहती हैं. ये आचार संहिता का उल्लंघन है.

Q. आम आदमी के लिए भी हैं आचार संहिता के नियम?

Ans. हां, आम आदमी को भी देश में लागू हुई आचार संहिता का पालन करना होता है.

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