मासिक वितरण प्रणाली: झारखंड राज्य में मासिक वितरण प्रणाली का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को आवश्यक खाद्य पदार्थ और बुनियादी वस्तुएं प्रदान करना है।
लाभार्थियों की पहचान: मासिक वितरण योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्डधारकों और अन्य पात्र व्यक्तियों के माध्यम से की जाती है।
राशन कार्ड धारक: राशन कार्ड धारकों को मासिक वितरण योजना के तहत रियायती दरों पर चावल, गेहूं, चीनी और अन्य आवश्यक वस्तुएं मिलती हैं। यहां तक कि इसकी प्रक्रिया भी सीधी और पारदर्शी है.
डिजिटल वितरण प्रणाली: झारखंड में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) को डिजिटल कर दिया गया है, जिससे लाभार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) मशीनों के माध्यम से राशन वितरित किया जाता है।
खाद्य सुरक्षा: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत झारखंड के निवासियों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। यह योजना प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रदान करती है।
झारखंड राज्य खाद्य निगम (जेएसएफसी) और स्थानीय प्रशासन सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी करते हैं। इसके लिए नियमित निरीक्षण व रिपोर्टिंग की जाती है.
ऑनलाइन पोर्टल: लाभार्थी झारखंड खाद्य आपूर्ति विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपने राशन कार्ड की स्थिति, मासिक वितरण का विवरण और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देख सकते हैं।
मासिक वितरण योजना को ग्राम पंचायत स्तर पर भी लागू किया गया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिल सके। प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकानें (एफपीएस) स्थापित की गई हैं।
शिकायत निवारण प्रणाली: लाभार्थियों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली उपलब्ध है। लाभार्थी अपनी शिकायत टोल-फ्री नंबर या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज कर सकते हैं।
झारखंड में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मासिक वितरण योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालाँकि, इसके सफल कार्यान्वयन में कभी-कभी वितरण में देरी, अनियमितताएँ और भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।