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बसंत पंचमी पर बेहतरीन कविता हिंदी में : Basant Panchami Poem

पूरे भारत देश में सभी त्योहार बहुत धूम धाम के साथ मनाये जाते है. इन्ही में से वसंत पंचमी का पर्व अपने आप में एक विशेष महत्व रखता है.बसंत ऋतु को ऋतुराज वसंत के नाम से जाना जाता है. वसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है.यह पर्व मन में खुशी और उत्साह लाता है. वसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. तो आइए इस Article के जरिए हम आपको बसंत पंचमी पर कविता (Basant panchami Par Kavita) प्रस्तुत कर रहे है. जो कि आपके लिए बहुत हो उपयोगी हो सकती है.

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

Basant panchami Par Kavita

Basant Panchami Poem

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर हम आपके लिए यहां Basant panchami Poem प्रस्तुत कर रहे है. आप चाहे तो इसे अपने School में सुनाने के लिए use कर सकते हैं.

मन में हरियाली सी आई,

फूलों ने जब गंध उड़ाई.

भागी ठंडी देर सवेर,

अब ऋतू बसंत है आई.

कोयल गाती कुहू कुहू,

भंवरे करते हैं गुंजार,

रंग बिरंगी रंगों वाली,

तितलियों की मौज बहार.

बाग़ में है चिड़ियों का शोर,

नाच रहा जंगल में मोर.

नाचे गायें जितना पर,

दिल मांगे ‘वन्स मोर’

होंठों पर मुस्कान सजाकर,

मस्ती में रस प्रेम का घोले.

‘दीप’ बसंत सीखाता हमको,

न किसी से कड़वा बोलें.

बसंत पंचमी पर 10 लाइन 2024

बसंत पंचमी कविता 

यहां पर हम आपको बसंत पंचमी कविता हिंदी में शेयर कर रहे है. इन कविताओं को पढने के बाद आप बसंत ऋतु को और भी करीब से महसूस कर पाएंगे.

उड़-उड़कर अम्बर से।
जब धरती पर आता है।
देख के कंचन बाग को।
अब भ्रमरा मुस्काता है।
फूलों की सुगंधित।
कलियों पर जा के।
प्रेम का गीत सुनाता है।
अपने दिल की बात कहने में।
बिलकुल नहीं लजाता है।
कभी-कभी कलियों में छुपकर।
संग में सो रात बिताता है।
गेंदा गमके महक बिखेरे।
उपवन को आभास दिलाए।
बहे बयारिया मधुरम्-मधुरम्।
प्यारी कोयल गीत जो गाए।
ऐसी बेला में उत्सव होता जब।
वाग देवी भी तान लगाए।
आयो बसंत बदल गई ऋतुएं।
हंस यौवन श्रृंगार सजाए।
देखो-देखो बसंत ऋतु है आयी।
अपने साथ खेतों में हरियाली लायी।।
किसानों के मन में हैं खुशियाँ छाई।
घर-घर में हैं हरियाली छाई।।
हरियाली बसंत ऋतु में आती है।
गर्मी में हरियाली चली जाती है।।
हरे रंग का उजाला हमें दे जाती है।
यही चक्र चलता रहता है।।
नहीं किसी को नुकसान होता है।
देखो बसंत ऋतु है आयी।।

जानिए बसंत पंचमी का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व क्या है

Basant Panchami Kavita 

अगर आपको भी अपने school या collage में बसंत पंचमी के अवसर पर Basant Panchami Kavita प्रस्तुत करना चाहते हैं. तो हम आपके लिए यहां कविताएं प्रस्तुत कर रहे है. आइए देखें इन्हे भी…

आया वसंत आया वसंत

छाई जग में शोभा अनंत।

सरसों खेतों में उठी फूल

बौरें आमों में उठीं झूल

बेलों में फूले नये फूल

पल में पतझड़ का हुआ अंत

आया वसंत आया वसंत।

लेकर सुगंध बह रहा पवन

हरियाली छाई है बन बन,

सुंदर लगता है घर आँगन

है आज मधुर सब दिग दिगंत

आया वसंत आया वसंत।

भौरे गाते हैं नया गान,

कोकिला छेड़ती कुहू तान

हैं सब जीवों के सुखी प्राण,

इस सुख का हो अब नही अंत

घर-घर में छाये नित वसंत।

मन में हरियाली सी आई,

फूलों ने जब गंध उड़ाई।

भागी ठंडी देर सवेर,

अब ऋतू बसंत है आई।।

कोयल गाती कुहू कुहू,

भंवरे करते हैं गुंजार।

रंग बिरंगी रंगों वाली,

तितलियों की मौज बहार।।

बाग़ में है चिड़ियों का शोर,

नाच रहा जंगल में मोर।

नाचे गायें जितना पर,

दिल मांगे ‘वन्स मोर’।।

होंठों पर मुस्कान सजाकर,

मस्ती में रस प्रेम का घोले।

‘दीप’ बसंत सीखाता हमको,

न किसी से कड़वा बोलें।।

FAQ’s Basant panchami Par Kavita

Q.बसंत पंचमी पर्व क्यों मनाया जाता है?

Ans बसंत पंचमी पर्व विद्या, कला, संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. लोग पूजा कर मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

Q.बसंत पंचमी के दिन किसकी पूजा की जाती है?

Ans वसंत ऋतु के दिन विष्णु और कामदेव और सरस्वती की पूजा होती हैं। 

Q.क्या वसंत पंचमी शुभ दिन है?

Ans अधिकांश लोग नई चीजें शुरू करने के लिए शुभ दिन वसंत पंचमी के दिन को ही चुनते है.

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