Atal Bhujal Yojana: राजस्थान, अपनी विशाल रेतीली भूमि और विरल वर्षा के साथ, सदियों से जल संकट से जूझता रहा है। लेकिन अब, अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana) के माध्यम से, राज्य जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। इस ब्लॉग में, हम अटल भूजल योजना के राजस्थान में क्रियान्वयन और इसके प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। हम यह भी जानेंगे कि कैसे Atal Bhujal Yojana राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास को बढ़ावा दे रही है। आगे पढ़ें और जानें कि कैसे Rajasthan Atal Bhujal Yojana के माध्यम से जल सुरक्षा की नई उम्मीद जगा रहा है!
अटल भूजल योजना | Atal Bhujal Yojana
राजस्थान के भूजल मंत्री कन्हैयालाल ने बुधवार को अटल भूजल योजना के तहत आयोजित एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर शुरू की गई Atal Bhujal Yojana का उद्देश्य, प्रदेश के 17 जिलों में भूजल स्तर को स्थिर करना है। मंत्री ने नदियों को आपस में जोड़ने के पूर्व प्रधानमंत्री के सपने को राजस्थान के लिए वरदान बताया, साथ ही ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी सिंचाई तकनीकों के उपयोग और वर्षा जल संचयन के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उपयुक्त स्थानों पर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाकर भूजल स्तर को बेहतर बनाया जा सकता है।
Ruk Jana Nahi Yojana Part 2: रुक जाना नहीं पार्ट 2 के लिए आवेदन कैसे करें
पश्चिमी राजस्थान जल संकट का केंद्र
भूजल मंत्री ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में पानी की सर्वाधिक कमी है। इस बार प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, लेकिन वर्षा जल संचय के पर्याप्त प्रयास न होने से अधिकांश वर्षा जल व्यर्थ बह गया। उन्होंने कहा कि हमें वर्षा जल बचाने के सघन एवं सामूहिक प्रयास करने होंगे। भूजल का कम दोहन और अधिक रिचार्ज पर ध्यान देना होगा।
वर्षा जल संचयन महत्वपूर्ण | Rainwater Harvesting Important
शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में वर्षा का जल व्यर्थ रूप में बहकर चला जाता है। इसके लिए कोई ठोस कार्य योजना बनाया जाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व निर्मित सतही पेयजल के स्रोतों का रख-रखाव किया जाना जरूरी है, क्योंकि इसमें सीवरेज का पानी जा रहा है, जिससे भूजल भी खराब हो रहा है। इसलिए इस पर कार्य करने की बहुत ज्यादा जरूरत है।
सिंचाई तकनीकों में बदलाव
भूजल मंत्री ने जल संरक्षण के लिए सिंचाई में आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीकों से पानी का उपयोग प्रभावी ढंग से किया जा सकता है, जिससे जल बर्बादी कम होगी। साथ ही, उन्होंने उपयुक्त स्थानों पर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाने पर भी बल दिया, ताकि भूजल स्तर को बेहतर बनाया जा सके और भविष्य के लिए जल संसाधनों को सुरक्षित किया जा सके।
अटल भूजल योजना में राजस्थान का स्थान
भूजल मंत्री ने अटल भूजल योजना में राजस्थान की सफलता का श्रेय राज्य सरकार की नवीन नीतियों और कार्यों को दिया। उन्होंने बताया कि Atal Bhujal Yojana में राजस्थान अब सातवें स्थान से उठकर तीसरे स्थान पर पहुँच गया है। मंत्री ने कहा कि मार्च 2025 तक Atal Bhujal Yojana के सभी कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है, और Atal Bhujal Yojana को पूरे देश में प्रथम स्थान पर लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से समर्पित है।